Welcome Today, your daily dose of insights and inspiration. In Vasudha Today Episode 21th February 2025, we bring you exciting updates, thought-provoking discussions, and a look at the trends shaping the day. Stay tuned as we dive into the stories that matter most to you!
Vasudha Today Episode 21th February 2025
सारिका को घर से निकाला गया
एपिसोड की शुरुआत सारिका के जागने से होती है। वह मयूर को याद करती है जिसने उसे घर से निकाल दिया था।
वह दरवाजा खोलने के लिए कहती है और चंद्रिका से कहती है कि वह भूखी है।
मयूर उसे मुख्य द्वार से बाहर निकालने का फैसला करता है, लेकिन प्रभात उसे रोकता है।
प्रभात कहता है कि सारिका इस घर की बहू है और उसकी इज्जत ही उनकी इज्जत है।
सारिका घर में प्रवेश करती है और कहती है कि सिर्फ प्रभात ही उसकी परवाह करता है।
चंद्रिका का गुस्सा
सारिका कहती है कि वह पहले खाना खाएगी क्योंकि उसे बहुत भूख लगी है।
सावित्री, वसुंधरा से कहती है कि कोई खाना नहीं खा रहा और फिर भी वह मिठाई बना रही है।
वसुंधरा कहती है कि कोई तो सबको खिलाने की कोशिश करेगा।
देवांश, चंद्रिका के पैर छूने की कोशिश करता है, लेकिन वह अपने पैर हटा लेती है।
प्रभात देवांश को बैठकर नाश्ता करने के लिए कहता है। अविनाश भी देवांश से बैठने के लिए कहता है।
चंद्रिका का अपमान
वसुंधरा, चंद्रिका को मिठाई परोसती है।
चंद्रिका गुस्से में उठकर चली जाती है, और बाकी लोग भी उठ जाते हैं।
करीश्मा, चंद्रिका को कुछ खाने के लिए कहती है, लेकिन चंद्रिका मना कर देती है।
प्रभात कहता है कि यह पहली बार है जब ऐसा हुआ है, और उसे समझ नहीं आ रहा कि आगे क्या होगा।
सारिका कहती है कि वह खाने का अपमान नहीं कर सकती और खाना जारी रखती है।
देवांश और चंद्रिका के रिश्ते में खटास
चंद्रिका, देवांश के साथ बिताए पलों को याद करती है।
वह याद करती है कि उसने देवांश से सारे रिश्ते खत्म कर लिए हैं।
वसुंधरा, चंद्रिका के पास खाने के साथ जाती है और कहती है कि अगर वह नहीं खाएगी, तो कोई और भी नहीं खाएगा।
चंद्रिका कहती है कि उसे भूख नहीं है।
वसुंधरा कहती है कि देवांश ने परिस्थितियों की वजह से सच नहीं बताया।
चंद्रिका कहती है कि वसुंधरा को देवांश की वकील बनने की जरूरत नहीं है।
चंद्रिका ने वसुंधरा को ठहराया जिम्मेदार
वसुंधरा कहती है कि देवांश ने कुछ गलत नहीं किया, बल्कि यह सब उसकी गलती थी।
वह कहती है कि उसे विवाह मंडप में नहीं बैठना चाहिए था और चंद्रिका से कहती है कि उसे सजा दे।
चंद्रिका कहती है कि वसुंधरा केवल एक ब्रांड एंबेसडर थी, और यह देवांश की जिम्मेदारी थी कि वह सही निर्णय ले।
चंद्रिका कहती है कि देवांश ने उससे सच छुपाकर उसका सम्मान छीन लिया।
देवांश का पछतावा
वसुंधरा, देवांश के पास जाती है और बताती है कि वह चंद्रिका के कमरे से आ रही है।
देवांश पूछता है कि क्या चंद्रिका ने उसके बारे में पूछा।
वसुंधरा झूठ बोलकर कहती है कि चंद्रिका ने पूछा था कि उसने खाना खाया या नहीं।
देवांश कहता है कि वसुंधरा झूठ बोल रही है।
वह वसुंधरा से अनुरोध करता है कि वह सुनिश्चित करे कि चंद्रिका खाना खा ले।
रश्मि के माध्यम से समाधान
थोड़ी देर बाद, वसुंधरा को एक उपाय सूझता है जिससे वह चंद्रिका और देवांश को खाना खिला सकती है।
हनुमंत, वसुंधरा और माधव को एक रस्म करने को कहता है जिससे चौहान परिवार खाना खाएगा।
वह चंद्रिका के पास जाता है और उसे इस रस्म के बारे में बताता है।
चंद्रिका कहती है कि यह रस्म कल जरूर होगी।
निष्कर्ष
इस एपिसोड में देवांश और चंद्रिका के रिश्ते में गहरी दरार आ गई है।
चंद्रिका अब देवांश को माफ करने के मूड में नहीं है, जबकि देवांश उसे मनाने की कोशिश कर रहा है।
क्या देवांश और चंद्रिका का रिश्ता फिर से जुड़ पाएगा? जानने के लिए अगले एपिसोड का इंतजार करें!